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हिमालयन ओडिसी
10 साल से ज्यादा हुए, इंडिया आर्ट गॅलरी के संस्थापक श्री. मिलिंद साठे ने ज्येष्ठ कलाकार श्री. किशोर रणदिवे से निवेदन था कि हिमालय विषय लेकर आप चित्र मालिका करें। हिमालय प्रदेश में दीर्घ समयतक कार्य करनेवाले रंगकर्मी निकोलस रोएरिच इनकी कलाकारीके श्री. मिलिंद साठे बडे प्रेमी थे। निकोलस रोएरिच इनकी कलाकारी दुनियाभरके गौरवपूर्ण प्रदर्नियोंमें अदाकारी हो चुकी है।
साथहीमें, गहन विचारविनिमय, यात्रा और ढेर सारा काम आ पडा। श्री. किशोर रणदिवे व श्री. मिलिंद साठे दोनों के बीच स्पष्ट रूपमें विचारविनिमय हुआ और ये तय हुआ कि चित्रोंमें सबकुछ हिमालय के बारेमें हो। ये पर्बतराजियाँ बडी भव्यरूप और सुंदर है, इस भूमीके रक्षक है और यहाँकी संस्कृती और वे खुद भगवान की देन है।
10 सालोंसे ज्यादा हुए, श्री. किशोर रणदिवे इन्होंने हिमालय विषयपर बहुत काम किया है और यह यात्रा ऐसेही चलती रहेगी। श्री. किशोर रणदिवे (जनमः 1952) इन्हे उनके सौभाग्यवश सर जे.जे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई के श्री. शंकर पलशीकर आणि श्री. जी.एस हलदणकर जैसे जानेमाने गुरु का लाभ हुआ। इनके प्रथम प्रदर्शनी (1972) के बाद 48 साल बीत गये श्री. किशोर रणदिवे का रंगकर्म का सिलसिला चला रहा है।
इस प्रदर्शनीमें प्रदर्शित रंगचित्रकारी के लिये श्री. किशोर रणदिवे इन्होंने कैनव्हासपर तैल-रंगोंके साथ काम किया है।